देहरादून : आयुष्मान योजना से जुड़े राज्य के 27 प्राइवेट अस्पतालों को फायर एनओसी न होने पर योजना से बाहर कर दिया गया है। इससे इन अस्पतालों में अब मरीज भर्ती करने पर भी रोक लग गई है। फायर एनओसी लेने के बाद ही अस्पतालों को दुबारा से योजना में शामिल किया जाएगा। विदित है कि सोमवार को दून अस्पताल की एक बिल्डिंग में आग लगने की वजह से कई मरीजों की जान मुश्किल में फंस गई थी। कर्मचारियों की सूझबूझ से बड़ी अनहोनी टल गई। लेकिन इस घटना से सबक लेते हुए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने फायर एनओसी न होने पर 27 अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया है।
इन अस्पतालों में फिलहाल योजना के तहत नए मरीज भर्ती नहीं होंगे। हालांकि पूर्व से भर्ती मरीजों का इलाज जारी रहेगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक हॉस्पिटल मैनेजमेंट डा वीएस टोलिया ने 27 अस्पतालों को इस संदर्भ में नोटिस जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि फायर एनओसी न होने पर अस्पतालों को अस्थाई रूप से डिइंपैनल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को जल्द फायर एनओसी प्रस्तुत करने को कहा गया है।
बिना फायर अब नहीं मिलेगी एनओसी : राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अब ऐसे अस्पतालों को संबद्धता नहीं देगा जिनके पास फायर एनओसी नहीं होगी। अस्पतालों में आग की घटना और मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसी को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से जुड़े बिना फायर एनओसी वाले अस्पतालों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
इन अस्पतालों की एनओसी हुई निरस्त
डॉ केकेबीएम सुभारती हॉस्पिटल, आनंद हास्पिटल, देवभूमि हास्पिटल, तूर्ण हॉस्पिटल, गोविंद हॉस्पिटल, कृष्णा हॉस्पिटल, महाजन हॉस्पिटल, महाराजा अग्रसेन चेरेटेबल हॉस्पिटल, ओझा हॉस्पिटल, पगिया हॉस्पिटल, प्रज्ञा हॉस्पिटल, प्रयास हॉस्पिटल, सहोता हॉस्पिटल, स्वास्तिक हॉस्पिटल, तपन हॉस्पिटल, चारधाम हॉस्पिटल, देवकी नंदन हॉस्पिटल, डॉ कोहली हॉस्पिटल, जोशी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लाइफ लाइन हॉस्पिटल, नवीन आई हॉस्पिटल, नेत्रम हॉस्पिटल, श्रीराम आई सेंटर, पैनीसिया हॉस्पिटल, स्पंदन हॉर्ट सेंटर, स्पर्श हॉस्पिटल।